शनिवार, 24 अक्तूबर 2009

जब भी होता है साम्राज्य
शीत का ,तम् का...
सूरज अकेले ही
करता हैं ...युद्ध ।

मैं चाहता हूँ
एक दिन
सूरज करे विश्राम
और तुम उसकी
जगह ले लो,
ताकि जान सको,
तुम किसी सूरज से
कम नही हो....





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