रविवार, 12 दिसंबर 2010

वियोगी होगा पहला कवि
आह से उपजा होगा ज्ञान
निकल कर नैनों से चुपचाप 
बही होगी कविता अनजान 
              -सुमित्रानंदन पंत

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